Revision रिवीजन

विषयवस्तु:- " Revision ( रिवीजन ) क्यों , कब और कैसे करें ? "

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दोस्तों ,
जैसा की हम सभी जानते है की Revision (रिवीजन ) का शाब्दिक अर्थ होता है , फिर से दुहराना, पुनः अवलोकन करना।  अर्थात किसी चीज या तथ्य को फिर से देखना ताकि ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके या काम में बदलाव किया जा सके, रिवीजन कहलाता है। तो आइये आज हम जानते है की रिवीजन क्यों, कब, और कैसे करें।  

छात्र जीवन में रिवीजन (Revision) क्यों महत्वपूर्ण होता है ?:-
छात्र जीवन में रिवीजन (Revision) का बड़ा ही महत्व होता है।  रिवीजन करने से कई तरह के फायदे होते है जैसे:-
कुछ समय पूर्व पढ़े गए  तथ्यों , आंकड़ों, विषयों और कार्यप्रणालियों को याद रखने में मदद मिलता है तो दूसरी तरफ, छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है और परीक्षा की चिंता कम होती है।  रिवीजन से हम अवधारणाओं को बेहतर तरिके से समझ पाते  है और परीक्षा के लिए अपने को अच्छी तरह से तैयार कर पाते है। 

रिवीजन (Revision) कब करना चाहिए ?:-
रिवीजन यथा सम्भव दिन की शुरआत में ही पूरा करना फायदेमंद होता है। क्योकि, सुबह का समय सबसे अधिक उत्पादक होता है और दोपहर में हमारा ध्यान थोड़ा कम हो जाता है। इसलिए हमे अपने कठिन कार्यों को सुबह में ही करने का अभ्यास करना चाहिए। 

रिवीजन (Revision) कैसे करना चाहिए ?:-
रिवीजन करने के लिए निम्लिखित बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है , जैसे :-
01. रिवीजन करने के लिए एक सही टाइम-टेबल का होना जरुरी होता है और  सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है।
02. रिवीजन करने के लिए समरी नोट्स तैयार करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जैसे :- छोटे-छोटे नोट्स के साथ विषयों को पॉइंट्स में लिखना, फ्लैस कार्ड का इस्तेमाल करना, माइंड मैप तैयार करना , ग्रुप वर्क बनाना, रिकॉर्डिंग करना  चार्ट तालिका बनाना , महत्वपूर्ण अवधारणाओं को रंगों से हाईलाइट करना आदि।
 03. रिवीजन करते समय अध्ययनरत तथ्यों को 10  मिनट के अंतराल पर तथ्यों को दुहराना चाहिए और अगले दिन नया विषय शुरू करने से पहले पिछले दिनों के विषयों को दुहराएँ  तथा 3 दिनों के बाद एक बार फिर से उस तथ्यों को दुहराएँ।  
04. रिवीजन करने के लिए अपने दोस्तों और टीचर्स / गाइडर्स की भी मदद लेनी चाहिए जो हमारे कमजोर पॉइंट्स को मजबूत करने में मदद कर सकते है। 
05. कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को बोलकर रिकॉर्ड भी किया जा सकता है ताकि हर जगह बुक या नोट्स लेकर चलना न पड़े और मौका मिलने पर हम अपने कॉन्सेप्ट को दोहरा सकें। 
06. रिवीजन करते समय किसी तरह के दबाव में न रहें बल्कि रिफ्रेश होने और कॉन्फिडेंस बनाये रखने के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए। 
07. अपने स्टडी रूम के दिवार पर एक बड़े चार्ट पेपर पर अपने कोनसेपट्स का छोटा नोट्स बनाकर लगाना चाहिए और समय समय पर उसका अवलोकन अवश्य करना चाहिए। 
08. रिवीजन करते समय हर घंटे 5 - 7 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। 
09. कभी भी शोर -गुल के माहौल में रिवीजन नहीं करना चाहिए। 
10. एग्जाम से पहले जो टॉपिक आता है उसे अच्छी तरह से दोहराना चाहिए। 
11. खुद से एक मॉडल टेस्ट पेपर तैयार करना चाहिए और उसको एक टाइम लिमिट में सॉल्व करना चाहिए ताकि अपनी तयारी का लेवल का पता चल सके।  

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