Problems in Indian Education System भारतीय शिक्षा प्रणाली में समस्याएं
विषयवस्तु:- Problems in Indian Education System. (भारतीय शिक्षा प्रणाली में समस्याएं )
किसी भी चीज़ की समस्या समझने से पहले हमें यह जानना ज़रूरी है कि वह चीज़ किस उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
अगर वह अपने उद्देश्य को पूरा कर रही है तो उसमें समस्या नहीं है, लेकिन अगर उद्देश्य अधूरा रह रहा है तो उसमें बदलाव की ज़रूरत है।
इसीलिए, “Problems in Indian Education System” पर बात करने से पहले हमें यह समझना होगा कि “शिक्षा का मूल उद्देश्य क्या है” और उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली कैसे बनाई जाती है।
शिक्षा का उद्देश्य
* कौन से विषय पढ़ाए जाएं
* कैसे पढ़ाए जाएं
* किस उम्र से शुरू किया जाए
ताकि बच्चे सक्षम बनें और जीवन में सफल हो सकें।
भारतीय शिक्षा का इतिहास
1. गुरुकुल शिक्षा प्रणाली
फायदे
* अनुशासन और आत्मनिर्भरता
* व्यावहारिक कार्यों का अनुभव (पानी लाना, भोजन बनाना, सफाई)
* छोटे समूह में व्यक्तिगत मार्गदर्शन
पढ़ाए जाने वाले विषय
* वेद, उपनिषद, पुराण
* गणित
* ज्योतिष
* आयुर्वेद
* धनुर्विद्या
* कृषि और पशुपालन
* संगीत, नृत्य, कला
* न्यायशास्त्र
क्यों पढ़ाए जाते थे ये विषय?
क्योंकि उस समय का जीवन कृषि-प्रधान और सरल था। ये कौशल बच्चों को सीधे उनके भविष्य के लिए तैयार करते थे, इसलिए शिक्षा प्रणाली प्रासंगिक थी।
2. ब्रिटिश युग (लगभग 1835)
ब्रिटिश शासन के दौरान “लॉर्ड मैकाले” ने नई शिक्षा प्रणाली शुरू की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन के लिए कर्मचारी तैयार करना था।
* अंग्रेजी माध्यम
* विषय-आधारित शिक्षा: गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी साहित्य
उपयुक्तता
उस समय औद्योगिक युग और प्रशासनिक नौकरियों के लिए यह प्रणाली उपयोगी थी।
3. स्वतंत्र भारत
20वीं सदी तक
यह मॉडल मूलभूत शिक्षा और औद्योगिक नौकरियों के लिए उपयुक्त था।
लेकिन समय के साथ बदलाव क्यों ज़रूरी हुआ?
क्योंकि तकनीक, कंप्यूटर, AI और वैश्विक अर्थव्यवस्था ने नई ज़रूरतें पैदा कीं।
वर्तमान समस्याएं
* पुरानी शिक्षा पद्धति पर अधिक निर्भरता
* रटने पर ज़ोर, न कि क्रिएटिविटी या क्रिटिकल थिंकिंग पर
* डिजिटल और आधुनिक तकनीक (AI, Coding) की शिक्षा की कमी
* संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी
* ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी कमजोर
नतीजा
* डिग्री होने के बावजूद नौकरियों की कमी
* उद्यमिता और डिजिटल कौशल का अभाव
* बेरोजगारी में बढ़ोतरी
सरकारी प्रयास — NEP 2020
“नई शिक्षा नीति 2020” में कई सुधार शामिल किए गए हैं:
* वित्तीय साक्षरता
* व्यावसायिक प्रशिक्षण (जैसे बागवानी, डिज़ाइन, रोबोटिक्स)
* आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान
* बहु-विषयक विकल्प
“लक्ष्य” 2030 तक पूरे देश में लागू करना।
“चुनौती” अगर लागू करने में देर हुई तो हम विकसित देशों से पीछे रह जाएंगे, खासकर बिहार और यूपी जैसे राज्यों में।
निष्कर्ष
* ब्रिटिश प्रणाली उस दौर में उपयोगी थी
* आज NEP 2020 एक सही कदम है
लेकिन, सफलता तभी मिलेगी जब इसे “तेज़, समान और समावेशी तरीके” से लागू किया जाए।
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